संतोष कौशल, सिद्धार्थनगर
बिस्कोहर । नगर पंचायत के फूलपुर पाण्डेय गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में मंगलवार रात आचार्य दुर्गेश शुक्ल ने कहा कि श्री कृष्ण रुक्मिणी का विवाह किसी साधारण वर कन्या का विवाह नहीं हैं। यह जीव और्र ईश्वर का विवाह है।
कथा व्यास ने कहा कि श्री शुकदेव जी ने भागवत कथा को विश्राम देने से कुछ ही समय पूर्व परीक्षित को रुक्मिणी-श्रीकृष्ण के विवाह का प्रेम प्रसंग सुनाया था। उन्हें बस कुछ ही देर में तक्षक सांप डसने आ रहा है। जिसकी मृत्यु अत्यंत निकट आ चुकी हो उसे विवाह प्रसंग की चर्चा आएगी भाएगी क्या। शुकदेव जी ने परीक्षित को आसन्न मृत्यु से कुछ समय ही पूर्व रुक्मणी कृष्ण विवाह कथा इसलिए सुनाई क्योंकि यह किसी साधारण वर-कन्या का नहीं बल्कि जीव का ईश्वर के साथ विवाह है।
कथा व्यास ने कहा कि रुक्मिणी ने श्री कृष्ण को पत्र लिखा कि जैसे आप निर्विकार हैं वैसे ही मैं भी निष्काम हूं। मेरा जीवन आपको समर्पित है कृपया आकर मेरा हाथ पकड़कर मेरा उद्धार करें। रुक्मिणी की भांति जब जीव निष्काम होकर निर्विकार परमात्मा को पुकारता है तो भगवान उसका उद्धार करने में देर नहीं करते।
इस अवसर पर बजरंगी विश्वकर्मा , रामपति , मनोज , कृष्ण कुमार , बनारसीलाल , दुर्गेश , मुकेश आदि मौजूद रहें ।
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