पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार के टीएमसी और ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला। पीएम नरेंद्र मोदी ने टीएमसी को भ्रष्टाचार का पर्याय बताते हुए कहा कि TMC का अर्थ ट्रांसफर माय कमीशन होता है, जबकि हम डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर की बात करते हैं। यही हमारी और उनकी सोच का अंतर है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी के खेला होबे के नारे पर भी हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि दीदी खेला होबे की बात करती हैं और हमारा नारा है, विकास होबे। उन्होंने कहा कि बाटला हाउस एनकाउंटर में आए कोर्ट के फैसले का भी जिक्र करते हुए कहा कि दीदी का बयान सभी को याद है। हर किसी को यह पता है कि वह किसके साथ खड़ी थीं। पुलवामा हमले के बाद का उनका बयान भी सबको याद है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने पुरुलिया की सांस्कृतिक विरासत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह पवित्र भूमि है। पीएम मोदी ने कहा कि यहां तो आज पानी तक की किल्लत हो गई है। महिलाओं को पानी के लिए दूर तक जाना पड़ता है। पहले वामपंथियों ने यहां उद्योग-धंधे पनपने नहीं दिए। पशुओं को पालने में जो दिक्कत होती है, वह भी मैं जानता हूं। खेती-किसान, उद्योग को अपने हाल पर छोड़कर टीएमसी अपने ही खेल में लगी है। इन लोगों ने पुरुलिया को जल संकट से भरा जीवन दिया है। टीएमसी ने इस इलाके को पलायन, घाव भरा शासन दिया है। इन लोगों ने पुरुलिया की पहचान देश के सबसे पिछड़े इलाके के तौर पर बना है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस इलाके में टूरिज्म की भरपूर संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि यहां हैंडिक्राफ्ट का जबरदस्त का है, उसे बढ़ावा दिया जाएगा। ऐसा जल संकट देश के अन्य इलाकों में भी रहा है, लेकिन जहां बीजेपी को सेवा करने का मौका मिला है, वहां हमारी सरकारों ने सैकड़ों किलोमीटर पाइप लाइन खिंचाई और हजारों तलाब बनवाए। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के हर हिस्से को रेलवे और रोड नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। 50,000 करोड़ रुपये की लागत ईस्टर्न रेलवे फ्रेट कॉरिडोर पर काम शुरू भी हो चुका है। 2 मई के बाद यहां बीजेपी सरकार बनेगी तो विकास में तेजी आएगी।
यहां के युवाओं का हक तुष्टीकरण की भेंट चढ़ा: उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि किस तरह यहां के युवाओं का हक तुष्टीकरण के नाम पर किसी और को दे दिया गया। मैं जानता हूं किस तरह ओबीसी समुदाय से आने वाले मेरे अन्य बंधुओं के साथ यहां विश्वासघात किया गया। मां, माटी और मानुष की बात करने वाली दीदी को अगर दलितों, पिछड़ों और वनवासियों के प्रति ममता होती तो वह ऐसा कभी न करतीं।
दीदी ने बनाई माओवादियों की नई नस्ल: दीदी की निर्मम सरकार ने माओवादियों की एक नई नस्ल बना दी है, जो टीएमसी के जरिए गरीबों के हक को लूटती है। पूरा बंगाल जानता है, कोयला माफिया, बालू माफिया को किसका संरक्षण मिला हुआ है। अपने राजनीतिक लाभ के लिए दीदी की सरकार माओवादी हिंसा को भी बढ़ावा देती है। इसका नुकसान गरीब लोगों को उठाना पड़ता है।
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