अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राज्यसभा में कई सांसदों ने अपने विचार रखे। इस दौरान बीजेपी की सांसद सोनल मान सिंह ने पुरुषों के लिए भी एक दिन का सेलिब्रेशन रखने की मांग की। मशहूर शास्त्रीय नृत्यांगना और राज्यसभा की नामित सदस्य ने कहा, 'मैं मांग करती हूं कि इंटरनेशनल मेन्स डे भी मनाया जाना चाहिए।' उनकी यह मांग सुनकर सदन में सभी सांसद हंसने लगे। इस पर सोनल मानसिंह ने कहा कि लोग किसी भी तरह से समानता की मांग कर सकते हैं। बता दें कि दुनिया भर में हर साल 19 नवंबर को इंटरनेशनल मेन्स डे का सेलिब्रेशन किया जाता है।
अपना भाषण शुरू करते हुए सोनल मानसिंह ने कहा, ' मैं यह कोट पढ़ना चाहती हूं, जिसे मैं कहीं पढ़ा था। महिला होना बेहद कठिन है। आपको एक पुरुष की तरह सोचना पड़ता है और महिला की तरह काम करना पड़ता है। एक युवा लड़की सा दिखना होता है और घोड़ों की तरह काम करना होता है।' यही नहीं एक महिला के तौर पर अपने काम का जिक्र करते हुए सोनल मानसिंह ने कहा, 'पहले से अधिक हूं, लेकिन अधिकार से वंचित हूं।' इसके अलावा कई महिलाओं ने इस दौरान महिलाओं के अधिकारों की बात करते हुए संसद में 33 फीसदी आरक्षण के मुद्दे को उठाया। महिला सांसदों ने कहा कि सदन में 33 फीसदी महिलाओं को आरक्षण दिए जाने का मुद्दा अब भी लटका है।
पहली बार संसद में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने की मांग वाला बिल 12 सितंबर, 1996 को संसद में पेश हुआ था। इस विधेयक को एचडी देवेगौड़ा की यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट की सरकार ने पेश किया था। महिलाओं की गवर्नेंस और सरकार में भागीदारी के मकसद से पेश किया गया यह बिल लोकसभा में पारित नहीं हो सका था। तब से ही यह बिल अटका हुआ है।
शिवसेना सांसद ने की 50 फीसदी आरक्षण की मांग: सोनल मानसिंह के बाद महिला दिवस पर बोलते हुए शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि महिलाओं को संसद में 33 फीसदी नहीं बल्कि 50 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 24 साल पहले हमने 33 फीसदी का प्रस्ताव दिया था। अब इसे संसद और विधानसभाओं में बढ़ाकर 50 फीसदी तक कर देना चाहिए।
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