बजट सत्र के पहले हिस्से के आखिरी दिन आज राज्यसभा में बड़ी राजनीतिक घटना हुई है। राज्यसभा सांसद और त्रृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिनेश त्रिवेदी ने सदन में ही इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि घुटन महसूस हो रही है। देश हित से ऊपर कुछ नहीं है। पार्टी हित और देश हित में से राष्ट्र हित चुनने का वक्त आ गया है।
अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए दिनेश त्रिवेदी ने राज्यसभा में कहा, 'हर मनुष्य के जीवन में एक घड़ी आती है, जब उसको उसकी अंतरआत्मा की आवाज सुनाई देती है। मेरे जीवन में भी ऐसी ही घड़ी आई थी। देश बड़ा है या पक्ष बड़ा है। आज जब देखते हैं कि जब देश की क्या परिस्थिति है। पूरी दुनिया भारत के तरफ देख रही है।'
जिस प्रकार से पश्चिम बंगाल में हिंसा हो रही है। मुझे बैठा-बैठा लगता है कि मैं करूं क्या? हसल में हम जन्मभूमि के लिए ही हैं। एक पार्टी में हैं तो उसका अनुशासन है। मुझे घुटन महसूस होती है कि मैं कुछ कर नहीं पा रहा हूं। आज मुझे आत्मा यह कह रही है कि यहां बैठ-बैठे अगर आप चुपचाप रहो और कुछ नहीं कर सकते हो तो इस्तीफा दो। मैं यहां से आज इस्तीफा दे रहा हूं।
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