सिद्धार्थनगर। जनपद स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में कवियों ने विविध रसों की रचनाएं प्रस्तुत कर ख़ूब तालियां बटोरीं। रचनाकारों ने समाज की कुरीतियों से लगायत देश भक्ति से जुड़ीं प्रस्तुतियों पर खूब तालियां बटोरी।
लोहिया कला भवन में मंगलवार रात संपन्न कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का शुभारंभ कवयित्री सत्यमवदा शर्मा की सरस्वती वंदना से हुआ। इसके बाद जिले के युवा शायर संघशील झलक ने ग़जलों से युवाओं को ओतप्रोत किया। जनपद के वरिष्ठ रचनाकार ब्रह्मदेव शास्त्री पंकज की रचना समंदर में उठा तूफान, है सैलाब दरिया में, किसी की आंख से दो बूंद आंसू बह गए होंगे, सुनाकर श्रोताओं की कोमल संवेदनाओं को झंकृत कर दिया। नैनीताल से आए मशहूर कवि मोहन मुंतजिर ने अपनी बारी में एक से बढ़कर एक कविताएं प्रस्तुत कर कार्यक्रम को नई ऊंचाई प्रदान की। उनकी रचना फिर किसी से मिलाएंगे नजरें, फिर किसी से मोहब्बत करेंगे, वो अगर बेवफा हो गई तो, दूसरी से मोहब्बत करेंगे सुनकर युवा श्रोता देर तक तालियां बजाते रहे। युवा कवि पंकज सिद्धार्थ ने अपनी उम्दा ग़जलों के माध्यम से प्यार, मोहब्बत भाईचारे का सशक्त संदेश दिया। जिले के मशहूर शायर नियाज कपिलवस्तुवी ने अपनी रचना के माध्यम से लॉक डाउन की यादों को साझा करते हुए कहा- बजे न बैंड बाजे, न ही शहनाई की धुन गूंजी, मिली न एक भी शादी की दावत लॉकडाउन में, अजब सी हो गई दुनिया की हालत लॉक डाउन में, लॉक डाउन से जुड़ी नियाज की यह रचना लोगों ने ख़ूब सराही। अपनी बारी में जनपद के वरिष्ठ रचनाकार डॉ. ज्ञानेंद्र द्विवेदी दीपक ने देश की एकता अखंडता को समर्पित रचना- टुकड़े, टुकड़े, टुकड़े, टुकड़े, जितने तनमन उतने टुकड़े, टुकड़ों से ही पूछ रहा हूँ, मेरा हिंदुस्तान कहां है, सुनाकर लोगों को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत कर दिया। दिल्ली से आए हास्य कवि योगेंद्र सुंद्रियाल की रचनाओं पर ख़ूब ठहाके लगे। सुप्रसिद्ध हास्य कवि बादशाह प्रेमी के संचालन में रात बारह बजे तक धुआंधार चले कार्यक्रम में कवयित्री प्रीति गुप्ता, रत्नेश रत्न, नूर क़ासमी, डॉ. जावेद कमाल, जावेद सरवर, नियाज आजमी आदि ने भी विविध रसों की कविताएं सुनाकर श्रोताओं को भरपूर रसास्वादन कराया। अंत में सांसद जगदंबिका पाल ने ऐतिहासिक कार्यक्रम के लिए आयोजन समिति की भूरि-भूरि प्रशंसा की। आयोजन समिति के प्रति आभार प्रकट करते हुए निकट भविष्य में भव्य कपिलवस्तु महोत्सव के आयोजन की मंशा भी प्रकट की। एसडीएम उमेश चंद्र निगम, विकास कश्यप, सीओ सदर प्रदीप कुमार यादव, समाज कल्याण अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता, अतिरिक्त सूचना अधिकारी विमलेश कुमार, पूर्व प्रधानाचार्य चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव, शिक्षक नेता राधेरमण त्रिपाठी, योगेंद्र पांडेय, कर्मचारी नेता अनिल सिंह, राम करन गुप्ता, कैप्टन नीरज श्रीवास्तव, बबलू श्रीवास्तव, आयोजन समिति के राणा प्रताप सिंह, डॉ. अरुण प्रजापति, नितेश पांडेय, फतेह बहादुर सिंह, अरुण त्रिपाठी, सुजीत जायसवाल, सर्वेश जायसवाल, अमित त्रिपाठी, श्रीधर पांडेय, देवेंद्र सिंह, विकास पांडेय, संजीव जायसवाल, सिद्धार्थ गौतम, राजेश मिश्रा आदि कई उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
बुद्ध भूमि के वैभव का बखान है कपिलवस्तु
बुद्ध भूमि के वैभवशाली ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत को शिक्षाविद श्रीपति चौधरी की ओर से लिखी गई शोध पुस्तक कपिलवस्तु में अत्यंत प्रमाणिकता के साथ संजोया है। जनपद स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में शिक्षाविद श्रीपति चौधरी की लिखित पुस्तक कपिलवस्तु का विमोचन उप जिलाधिकारी उमेश चंद्र निगम ने किया। लेखक ने बताया कि पुस्तक कपिलवस्तु उनके वर्षों के शोध का सुफल है, जिसका अध्ययन बौद्ध साहित्य में रुचि रखने वाले हर सुधी पाठक को करना चाहिए। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राधेरमण त्रिपाठी, योगेंद्र पांडेय, साहित्यकार नियाज कपिलवस्तुवी, सुरेंद्र चौधरी, पीसी चौधरी, फतेह बहादुर सिंह, कैप्टन नीरज श्रीवास्तव, विजय चौधरी आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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