संतोष कौशल, बलरामपुर
बलरामपुर । विकास खंड गैसडी क्षेत्र के गांवों एवं सड़को पर में छुट्टा पशुओं का आतंक व्याप्त है। सड़क पर झुंड में खड़े मवेशी एक तरफ जहां आवागमन करने वालों को परेशान कर रहे हैं, वहीं खेतों में धमा-चौकड़ी मचाते हुए फसलों को चरने के साथ ही नुकसान कर रहे हैं। इससे किसान परेशान हैं।
पचपेडवा - उतरौला मार्ग पर स्थित जैतापुर चौराहा , रतनपुर , गनेशपुर , जैतापुर से तुलसीपुर रोड पर पिपरा , सदवापुर , गौरा चौराहा में सुबह से लेकर देर रात तक छुट्टा पशु घूम रहे हैं। इससे आवागमन करने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मार्ग पर पशुओं के इधर-उधर दौड़ने की वजह से खासकर बाइक सवार बचने के चक्कर में या तो अनियंत्रित होकर गिर जा रहे हैं, या फिर गिरते-गिरते बच रहे हैं। पशुओं के घूमने से पैदल आवागमन करने वालों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों में भय बना है कि कहीं मवेशी उन्हें घायल न कर दें।
इसके साथ ही क्षेत्र के दर्जनों गावों के किसान छुट्टा पशुओं के आतंक से परेशान हैं । गेंहू और अन्य फसलों को पशुओं से बचाने के लिए किसान रातभर जाग कर खेतों की रखवाली कर रहे हैं। दर्जनों की संख्या में घूम रहे छुट्टा पशु रात में फसलों को चौपट कर रहे हैं। जिससे किसानाें की नींद हराम हो गई है। दिन भर खेतों की रखवाली करने के साथ किसान रात में भी चैन से नहीं सो पा रहे हैं। अभी तक किसान नीलगाय से फसलों को बचाने के लिए परेशान रहते थे। लेकिन अब छुट्टा पशु किसानों के लिए परेशानी का कारण बन गए हैं। छुट्टा गाय और बछड़ों का झुंड एक साथ जिधर निकल रहा है उधर की फसल को चरने के साथ रौंदकर चौपट कर दे रहे हैं। क्षेत्र के सुगांव , ठकुरापुर थरौली , भोजपुर सन्तरी , सिहंमुहानी , सड़वा गुलरिहा , जैतापुर , गौरा विशुनपुर , धोवहा आदम तारा , विजयनगर दिलमनजोत , वेथुईया , चौबेपुर , आबर लखाई नसीब गंज , पिपरा बाजार , सेवरहा , वीरपुर देवलहा , गोविन्दपुरी आदि गांवों के किसान मंगल प्रसाद गुप्ता , गुड्डू श्रीवास्तव , ललित यादव , मंगल गुप्ता, अजय गौतम , विजय कुमार सिंह , ओम प्रकाश मिश्रा , फतेह बहादुर , विजय कुमार आदि रात भर जागकर पहरा दे रहे हैं।
इस समय बड़ी लागत लगाकर किसान गेहूँ की खेती किए हुए हैं। लेकिन छुट्टे पशुओं ने गेहूँ के फसल को निशाना बनाकर चौपट करना शुरू कर दिया है। अधिकतर किसानों का फसल चौपट हो भी चुका है। वही क्षेत्र के किसानों का कहना है कि अगर इसी तरह छुट्टा पशुओं की तादात बढ़ती रही और कोई रास्ता नहीं निकाला गया तो किसानों को भूखों मरना पड़ सकता है। किसानो ने शासन प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा है कि इस जटिल समस्या का कोई जल्द से जल्द उपाय निकाला जाए नही तो हम सभी किसानो को आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
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