तीन तलाक बिल पर लोकसभा में चर्चा हो रही है। केंद्र सरकार ने तीसरी बार लोकसभा में इस बिल को पेश किया है, यहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। इस बीच समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन सदन से बाहर अनर्गल बयान देते हुए कहा है कि बीवी को गोली मारने से बेहतर तीन तलाक देकर रुखसत करना है।
उन्होंने कहा, 'बीवी को गोली मारने से अच्छा है कि उसे तलाक दे दें। किसी भी मजहब के निजी मामले में सरकार को दखल नहीं देना चाहिए। इसे सिर्फ एक फिरका मानता है। एक साथ तीन तलाक को सभी लोग नहीं मानते और एक महीने का गैप रखा जाता है। कभी-कभी ऐसे हालात होते हैं कि अलग होना ही रास्ता होता है तो गोली मारने से बेहतर है कि तीन तलाक देकर महिला को निकाल दिया जाए।
मुस्लिम महिलाओं से न्याय के सवाल पर एसटी हसन ने कहा, 'महिलाओं के साथ इस्लाम ने बहुत न्याय किया है। वह जब चाहें अपने पति से खुला ले सकती हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ में बदलाव करना और शरीयत में बदलाव करना गलत है। यदि आप किसी पुरुष को तीन तलाक पर तीन साल की सजा देते हैं तो फिर वह परिवार को गुजारा भत्ता कैसे देगा। क्या यह गलत नहीं है। यदि हिंदू और ईसाई पुरुषों को ऐसे मामले में महज एक साल की ही सजा है तो फिर मुस्लिमों को तीन वर्ष की सजा क्यों।
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