संतोष कौशल
*जीवन का आधार है नैतिक शिक्षा - उमानंद शर्मा*
सिद्धार्थनगर । गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर लखनऊ के द्वारा चलाई जा रही विचार क्रांति ज्ञान यज्ञ अभियान के तहत शुक्रवार को महाराणा प्रताप स्कूल आफ फार्मेसी गौरा मोहनलालगंज लखनऊ के केंद्रीय पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युग ऋषि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खंडों का 380वा साहित्य की स्थापना एक कार्यक्रम के माध्यम से संपन्न की गई। इस अवसर पर सभागार में उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए गायत्री परिवार लखनऊ मुख्य प्रबंध ट्रस्टी व वांग्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानन्द शर्मा ने कहा कि "जीवन का आधार है नैतिक शिक्षा ऋषि साहित्य नैतिक शिक्षा प्रदान करता है"।
इस दौरान पूर्व ई. एन. सी. पी. डब्लू. डी. उत्तर प्रदेश के वी. के.सिंह , ऊषा सिंह , विभागाध्यक्ष डा. आशुतोष पाठक ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपना विचार व्यक्त किया। संस्था के प्रधानाचार्य डॉ अनूप सरवैया द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।
यह साहित्य युग ऋषि द्वारा रचित सम्पूर्ण वांग्मय है। 79 खंडों का 380वा वांग्मय साहित्य गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट गायत्री मंदिर इंदिरा नगर लखनऊ के सक्रिय कार्यकर्ता जितेंद्र सिंह द्वारा अपने सम्मानित पूर्वजो की स्मृति में भेंट किया गया था । इस दौरान उमानंद शर्मा द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी छात्र - छात्राओं एवं संकाय सदस्यों को अखंड ज्योति पत्रिका भी भेट की गई।
इस अवसर पर उमानंद शर्मा, वी.के. श्रीवास्तव (पूर्व ई.एन.सी., पी.डब्लू.डी. उ.प्र.), ऊषा सिंह, एवं संस्था के कैम्पस निदेशक शरद कुमार गुप्ता, प्रधानाचार्य डॉ. अनूप सरवैया, विभागाध्यक्ष डॉ. आशुतोष पाठक, प्रशांत भट्ट, एकेडमिक हैड दिलीप वर्मा व स्वाती सिंह सहित छात्र-छात्रायें, संकाय सदस्य मौजूद रहे।
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