गृहमंत्री अमित शाह ने हाथ में दस्तावेजों को दिखाते हुए कहा, ''अधीर रंजन चौधरी ने कल अपने भाषण में कहा था कि शांतिनिकेतन के दौरे के दौरान मैं रबींद्रनाथ टैगोर की कुर्सी पर बैठा था। यह विश्वभारती के उपकुलपति का पत्र है। मैंने उसने कहा था कि सारे फोटो और वीडियो का एनालिसिस करके बताया जाए कि कहीं मैं बैठा हूं? उन्होंने स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई। मैं एक खिड़की के पास बैठा था जहां कोई भी बैठ सकता है।'' गृहमंत्री ने कहा कि जहां वह बैठे थे उस जगह पर भारत की पूर्व राष्ट्रपति बैठी हैं, प्रणब दा भी बैठे हैं, राजीव गांधी बैठे हैं और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने भी स्मारिका में वहीं बैठकर अपनी टिप्पणी लिखी थी।''
इसके बाद शाह ने कहा, ''जब हम सदन में बात करते हैं तो पहले तथ्यों को जांचना और परखना चाहिए। सोशल मीडिया से उठाकर यहां रख दें तो सदन की गरिमा को क्षति होती है। लेकिन मैं इसमें इनका दोष नहीं देखता, इनकी पार्टी की बैकग्राउंड की वजह से इनसे गलती हुई।'' तस्वीरें दिखाते हुए गृहमंत्री ने कहा, ''मेरे पास दो फोटोग्राफ निकले हैं। जवाहर लाल नेहरू टैगोर की उस कुर्सी पर बैठे हैं, ये रिकॉर्ड में है फोटोग्राफ, दूसरी एक तस्वीर है कि राजीव गांधी तो टैगोर के सोफे पर बैठकर आराम से चाय पी रहे हैं।''
शाह ने लोकसभा स्पीकर से कहा, ''मेरा आप से अनुरोध है कि इस बात को रिकॉर्ड में स्पष्ट कर दिया जाए। मैं दादा (अधीर रंजन चौधरी) की अपील पर इसे पटल पर भी रख रहा हूं ताकि यह रिकॉर्ड हिस्सा रहे। यह फोटो और शांतिनिकेतन के उपकुलपति के लेटर को पटल पर रखने की अनुमति दी जाए।'' स्पीकर ने शाह की इस अपील को स्वीकर कर लिया।
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