उत्तर प्रदेश में जमीन के झगड़ों को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वरासत अभियान शुरू किया गया है। उत्तर प्रदेश में बिना किसी विवाद के उत्तराधिकार को खतौनियों में दर्ज करने के लिए सभी ग्राम सभाओं में इस अभियान की शुरुआत की गई है। आपकी जमीन, आपका अधिकार, सबको मिले अपना उत्तराधिकार के संकल्प के साथ दो महीने तक यह विशेष अभियान चलेगा। इसके तहत प्रदेश के एक लाख आठ हजार राजस्व गांवों में कई सालों से अटके हुए वरासत के मामलों का निस्तारण किया जाएगा।
अभियान के तहत कोई भूलचूक न होने पाए इसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने अभियान के तहत विवादों के निपटाने के बाद शासन के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इनका सत्यापन कराने का भी निर्देश दिया है।
कब से शुरू किया गया है अभियान
उत्तर प्रदेश में वरासत अभियान की शुरुआत 15 दिसंबर से की गई है। इससे जहां तहसील कर्मियों की मनमानी पर रोक लगेगी, वहीं भूमि विवादों पर भी काफी हद तक अंकुश लग सकेगा।
ऐसे कर सकते हैं आवेदन
वरासत अभियान के तहत वरासत दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की सुविधा है। यदि आपकी जमीन गांव में और आप कहीं और रह रहे हैं तो आपके लिए हर तहसील स्तर पर एक काउंटर भी खोला गया है।
ये है हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आईडी
सरकार ने हेल्पलाइन नबंर 0522-2620477 इस अभियान के लिए जारी किया है। इस पर फोन कर आप आवेदन में सहायता और पूरी जानकारी मांग सकते हैं। सीएम हेल्पलाइन नंबर 1076 पर भी आप कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा ईमेल आईडी abhiyanvarasat@gmail.com भी जारी की गई है।
ऑनलाइन आवेदन के लिए लें लेखपाल की मदद
वरासत अभियान के तहत राजस्व तहसील अधिकारियों द्वारा राजस्व ग्रामों में खतौनियों को पढ़ने की प्रक्रिया और लेखपाल द्वारा ग्रामवार कार्यक्रम बनाकर सर्वे कर लोगों से प्रार्थनापत्र प्राप्त कर उन्हें ऑनलाइन भरा जाएगा।
इसके अलावा आप स्वयं भी ऑनलाइन राजस्व परिषद की वेबसाइट के लिंक http://vaad.up.nic.in/ पर जाकर या जनसेवा केंद्र पर राजस्व परिषद की वेबसाइट के लिंक के जरिए पंजीकरण कर सकते हैं।
लेखपाल लगाएंगे जांच आख्या
- दर्ज किए गए प्रकरणों या प्राप्त आवेदन पत्रों के संबंध में लेखपाल खुद स्थलीय और अभिलेखीय जांच के बाद विधिक उत्तराधिकारियों के नाम और विवरण के संबंध में अपनी स्पष्ट जांच आख्या पोर्टल पर अंकित करेंगे।
- यदि वारिसान में कोई गलत विवरण अंकित है और लेखपाल उससे असहमत है तो उसके कारण का स्पष्ट उल्लेख करना होगा।
- लेखपाल विवाद का स्पष्ट कारण अंकित करते हुए अपनी आख्या राजस्व निरीक्षक को पांच कार्य दिवस में ऑनलाइन भेजेंगे।
-यदि लेखपाल सहमत हैं तो सहमति का बटन दबाकर अपनी बिंदुवार आख्या राजस्व निरीक्षक को अग्रसारित करेंगे।
अभियान में 16 जनवरी से 31 जनवरी तक यह होगा
-ग्राम राजस्व समिति की खुली बैठक का आयोजन होगा। इस बैठक के लिए डीएम प्रचार-प्रसार करेंगे।
-इस खुली बैठक में आवेदक की ओर से भरे गए और लेखपाल की दी गई जांच आख्या का विवरण सार्वजनिक रूप से पढ़ा जाएगा। यदि कोई आपत्ति या वसीयत आदि की जानकारी मिलती है तो प्राप्त सूचनाओं या आपत्तियों का पूरा विवरण अपनी ऑनलाइन आख्या में अंकित करते हुए यथानियम उत्तराधिकार सम्बन्धी आदेश पारित किया जाएगा।
-संबंधित प्रकरण में राजस्व निरीक्षक अपनी स्वतः पूर्ण जांच आख्या की प्रविष्टि पोर्टल पर करने के बाद नियम के अनुसार आदेश पारित करेंगे।
एक फरवरी से 15 फरवरी तक यह होगा
-यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बिना विवाद उत्तराधिकार का कोई भी प्रकरण दर्ज होना बाकी नहीं रह गया है।
-डीएम, एडीएम, एसडीएम या दूसरे जिले के स्तरीय अधिकारियों की ओर से निर्विवाद उत्तराधिकार के सभी लंबित प्रकरणों को पूरा किया जाएगा।
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