🌸 अक्षय तृतीया आज है। वैशाख महीने के शुक्लपक्ष की तीसरी तिथि को अक्षय तृतीया पर्व मनाया जाताा है।
✨ इस बार अक्षय तृतीया का मुहूर्त दोपहर 1 बजे तक ही रहेगा। तृतीया तिथि रविवार को दोपहर करीब 1.25 तक रहेगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि शुरू हो जाएगी। इसलिए, आज दोपहर 1.25 से पहले ही दान और पूजा करने का विशेष महत्व है।
💫 पूजा विधि -
●किसी चौकी या कपड़े पर चावल रखकर उस पर भगवान विष्णु और लक्ष्मीजी की मूर्ति रखें। तस्वीर भी रख सकते हैं।
●भगवान को जल चढ़ाएं इसके बाद चंदन, अक्षत, फूल, रोली और मोली चढ़ाएं। फिर अबीर, गुलाल, कुमकुम और अन्य पूजा की सामग्री चढ़ानी चाहिए। इसके बाद भगवान को दीपक दर्शन करवाकर अगरबत्ती लगाएं।
●पूजा सामग्री चढ़ाने के बाद भगवान को मिठाई या फल का नैवेद्य लगाएं और प्रसाद बांट दें।
🌼 दान जरूर करें -
अक्षय तृतीया पर दान अवश्य देना चाहिए, इस दिन प्यासे को जल पिलाने से बहुत पुण्य मिलता है. जल से संबंधित दान का भी प्रावधान है जैसे घड़ा, सुराही और आज के परिपेक्ष में देखें तो पानी की बोतल, वाटर फिल्टर एवं जल रखने वाले पात्र देने चाहिए.
🌺 अपने गुणों में करें वृद्धि -
आज ध्यान लगाए और कुछ समय शांति और आत्म मूल्यांकन करें. इस जीवन में आपको जो भी मिला है उसका आभार व्यक्त करें. अपने भीतर गुणों की वृद्धि करने का संकल्प लें क्योंकि असली सोना आपके गुण ही तो हैं. इस दिन बीती हुई बुरी बातों को भूले क्षमा करें और आगे बढ़े. मित्रों और रिश्तेदारों के साथ संबंधों की नई शुरुआत करें. बुरी आदतों को छोड़ दें, और अच्छी आदतों को अपनाने का प्रण लें.
✨ अक्षय तृतीया की मान्यताएं
●एक पौराणिक कथा के अनुसार मुनि वेद व्यास ने इस दिन महाभारत गणेश जी को सुनानी शुरू की थी.
●इसी दिन कुबेर को अपनी धन प्राप्त हुई थी और मां लक्ष्मी के साथ धन और समृद्धि का संरक्षक बनने का सौभाग्य मिला.
●महाभारत में इसी दिन राजा युधिष्ठिर को भगवान सूर्य से अक्षय पात्र मिला था. इसी दिन निर्धन सुदामा, अपने सखा श्री कृष्ण से उनके राजा बनने के बाद पहली बार मिलने गए थे.
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