कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। भारत में कोविड-19 मरीजों की संख्या शनिवार सुबह बढ़कर 24 हजार के पार पहुंच गई। इसके अलावा 775 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना वायरस मरीजों की संख्या 24,506 हो गई है। इसमें अब तक 5063 मरीज अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं। देश में बीते 12 घंटों में 52 मौतें हुई हैं। इसके अलावा 1054 नए मामले सामने आ चुके हैं।
महाराष्ट्र में कोरोना के 6817 मरीज मिल चुके हैं। इसमें से 840 ऐसे हैं, जो पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। वहीं, 301 लोगों की मौत हुई है। गुजरात में 2815 मरीज सामने आए हैं। इसमें 265 लोगों ठीक हुए हैं। वहीं, 127 लोगों की मौत हुई है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बात करें तो अब तक कोविड-19 के 2514 मरीज पाए जा चुके हैं। 857 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, 53 की मौत हुई है।
उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अभी तक राज्य में 1621 मरीज मिल चुके हैं। इसमें 247 लोग ठीक हुए हैं। वहीं, 25 की मौत हुई है। राजस्थान में 2034 कोरोना के मरीज मिले हैं। 230 ठीक हुए हैं। 27 की मौत हुई है। बिहार में 223 मरीज मिले हैं। 46 ठीक हुए और दो की मौत हुई है।
इससे पहले शुक्रवार को केंद्र सरकार ने दावा किया कि कोरोना को रोकथाम के लिए देश में लॉकडाउन का फैसला सही समय पर लिया गया और इसका फायदा हुआ है। यदि कदम नहीं उठाया होता तो देश में संक्रमितों की संख्या एक लाख पार कर चुकी होती। स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. पाल ने यह जानकारी दी थी। वह कोरोना पर बने समूह के प्रमुख भी है। डॉ. वीके पाल ने कहा था कि लॉकडाउन से पहले संक्रमितों की दोगुना होने की दर 3.3 दिन थी जो अब दस दिन तक पहुंच गई है। सही समय पर लॉकडाउन का फैसला लेने से स्थित नियंत्रण में है। यह संक्रमितों के आंकड़ों से ही नहीं बल्कि अन्य तरीकों से भी पुष्टि होती है। अस्पतालों के बाहर मरीजों की भीड़ नहीं है। दवाओं की बिक्री के पैटर्न से भी पता लगाया गया है कि कहीं भी रोगी बढ़ नहीं रहे हैं।
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