त्रिबेन्द्र जाट /संतोष कौशल, देवरी, मध्य प्रदेश
देवरी कला । देवरी एवं केसली विकासखंड अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों के सचिवो का ट्रांसफर जिले की अन्य तहसीलों में जिला पंचायत सी .ई.ओ. द्वारा किया गया है।
वैसे तो देवरी एवं केसली विकासखंड की ऐसी कई ग्राम पंचायत हैं जो भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में बनी रहती हैं जहां के सचिव कर्मियों द्वारा भारी भ्रष्टाचार करते हुए शासकीय राशि का दुरुपयोग किया जाता रहा है । जिनकी शिकायतों के बाद जांचें आज भी बन्द फाइलों में लंबित पड़ी हुई हैं। ऐसे पंचायत कर्मियों पर ना तो आज तक कोई कार्यवाही की गई और ना ही इन सचिव कर्मियों पर ट्रांसफर प्रक्रिया का नियम लागू हुआ ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने से शासन की ट्रांसफर प्रक्रिया को ठेंगा दिखाते हुए जांच कार्यवाही से बचते नजर आए हैं ।
देवरी जनपद पंचायत अंतर्गत कुछ ग्राम पंचायत सचिव भ्रष्टाचार के मामले में चर्चाओं की सुर्खियों में बने रहे और जांचें भी होती रही परंतु उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की शिकायतें जांचों तक ही सीमित रही और कार्यवाही के अंजाम तक पहुंचने में आज भी कोसों दूर नजर आ रही हैं। ज्ञात हो कि जनपद पंचायत देवरी कि कुछ ग्राम पंचायतों में शासन द्वारा संचालित योजनाओं जैसे कपिलधारा कूप निर्माण, पीएम आवास निर्माण, सुदूर सड़क, शौचालय, पंच परमेश्वर योजना, रोजगार गारंटी योजना, जैसी विभिन्न योजनाओं में यदि जांच की जाए तो भारी भरकम भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है । रोजगार गारंटी जैसी योजनाओं में ग्रामीणों को बिना रोजगार दिए फर्जी मास्टरों के आधार पर लाखों रुपयों की हेरा फेरी कर भ्रष्टाचार करने के मामले उजागर हो सकते हैं ज्ञात हो कि हाल ही में जिला पंचायत सीईओ द्वारा देवरी एवं केसली विकासखंड की ग्राम पंचायत मैं कुछ सचिवों के ट्रांसफर जिले की अन्य तहसीलों में किए गए हैं जिनको लेकर अन्य पंचायत कर्मियों में भी इस ट्रांसफर प्रक्रिया को लेकर भायाक्रांत की स्थिति बनी हुई है , प्राप्त जानकारी के अनुसार देवरी जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत सुना पंजरा मैं पदस्थ रामकुमार शुक्ला का ट्रांसफर मालथोन की ग्राम पंचायत रेडोनमालगुजारी किया गया है तो वही इस पंचायत में सुखपाल अहिरवार रेडोंनमालगुजारी माल्थन से सुनापंजरा देवरी स्थानांतरण किया गया है। ग्राम पंचायत पहला देवरी में पदस्थ अनिल मिश्रा का स्थानांतरण बीना की ग्राम पंचायत कंजिया में किया गया है वहीं इसी पंचायत में ग्राम पंचायत कंजिया बीना से प्रमोद पांडे को ग्राम पंचायत पहला में स्थानांतरण किया गया है और ग्राम पंचायत रीछई देवरी में ग्राम पंचायत बांदरी मालथौन से वीरेंद्र सेन का स्थानांतरण किया गया है। केसली विकासखंड की ग्राम पंचायत बम्हनी मैं पदस्थ बहादुर लोधी का स्थानांतरण ग्राम पंचायत जनकपुर केसली में एवं परसराम लोधी ग्राम पंचायत पुतर्रा केसली से ग्राम पंचायत बम्हनी केशली में पदस्थ किया गया। ग्राम पंचायत नांदिया केसली में पदस्थ विनोद मिश्रा का ग्राम पंचायत ढांड बीना में किया गया।तो वही ग्राम पंचायत ढांड बीना सागर से प्रशांत अग्रवाल को केसली की ग्राम पंचायत नादिया में स्थानांतरण किया गया है।
वैसे तो देवरी एवं केसली विकासखंड की ऐसी कई ग्राम पंचायत हैं जो भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में बनी रहती हैं जहां के सचिव कर्मियों द्वारा भारी भ्रष्टाचार करते हुए शासकीय राशि का दुरुपयोग किया जाता रहा है । जिनकी शिकायतों के बाद जांचें आज भी बन्द फाइलों में लंबित पड़ी हुई हैं। ऐसे पंचायत कर्मियों पर ना तो आज तक कोई कार्यवाही की गई और ना ही इन सचिव कर्मियों पर ट्रांसफर प्रक्रिया का नियम लागू हुआ ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने से शासन की ट्रांसफर प्रक्रिया को ठेंगा दिखाते हुए जांच कार्यवाही से बचते नजर आए हैं ।
देवरी जनपद पंचायत अंतर्गत कुछ ग्राम पंचायत सचिव भ्रष्टाचार के मामले में चर्चाओं की सुर्खियों में बने रहे और जांचें भी होती रही परंतु उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की शिकायतें जांचों तक ही सीमित रही और कार्यवाही के अंजाम तक पहुंचने में आज भी कोसों दूर नजर आ रही हैं। ज्ञात हो कि जनपद पंचायत देवरी कि कुछ ग्राम पंचायतों में शासन द्वारा संचालित योजनाओं जैसे कपिलधारा कूप निर्माण, पीएम आवास निर्माण, सुदूर सड़क, शौचालय, पंच परमेश्वर योजना, रोजगार गारंटी योजना, जैसी विभिन्न योजनाओं में यदि जांच की जाए तो भारी भरकम भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है । रोजगार गारंटी जैसी योजनाओं में ग्रामीणों को बिना रोजगार दिए फर्जी मास्टरों के आधार पर लाखों रुपयों की हेरा फेरी कर भ्रष्टाचार करने के मामले उजागर हो सकते हैं ज्ञात हो कि हाल ही में जिला पंचायत सीईओ द्वारा देवरी एवं केसली विकासखंड की ग्राम पंचायत मैं कुछ सचिवों के ट्रांसफर जिले की अन्य तहसीलों में किए गए हैं जिनको लेकर अन्य पंचायत कर्मियों में भी इस ट्रांसफर प्रक्रिया को लेकर भायाक्रांत की स्थिति बनी हुई है , प्राप्त जानकारी के अनुसार देवरी जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत सुना पंजरा मैं पदस्थ रामकुमार शुक्ला का ट्रांसफर मालथोन की ग्राम पंचायत रेडोनमालगुजारी किया गया है तो वही इस पंचायत में सुखपाल अहिरवार रेडोंनमालगुजारी माल्थन से सुनापंजरा देवरी स्थानांतरण किया गया है। ग्राम पंचायत पहला देवरी में पदस्थ अनिल मिश्रा का स्थानांतरण बीना की ग्राम पंचायत कंजिया में किया गया है वहीं इसी पंचायत में ग्राम पंचायत कंजिया बीना से प्रमोद पांडे को ग्राम पंचायत पहला में स्थानांतरण किया गया है और ग्राम पंचायत रीछई देवरी में ग्राम पंचायत बांदरी मालथौन से वीरेंद्र सेन का स्थानांतरण किया गया है। केसली विकासखंड की ग्राम पंचायत बम्हनी मैं पदस्थ बहादुर लोधी का स्थानांतरण ग्राम पंचायत जनकपुर केसली में एवं परसराम लोधी ग्राम पंचायत पुतर्रा केसली से ग्राम पंचायत बम्हनी केशली में पदस्थ किया गया। ग्राम पंचायत नांदिया केसली में पदस्थ विनोद मिश्रा का ग्राम पंचायत ढांड बीना में किया गया।तो वही ग्राम पंचायत ढांड बीना सागर से प्रशांत अग्रवाल को केसली की ग्राम पंचायत नादिया में स्थानांतरण किया गया है।
*जनपद पंचायत देवरी में अधिकारियों कर्मचारियों के नहीं होते ट्रांसफर*
देवरी जनपद पंचायत कार्यालय में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर विगत कई वर्षों से ना होने के कारण एक ही स्थान पर कई वर्षों से जमे हुए हैं देवरी जनपद कार्यालय में पदस्थ चपरासी की पोस्ट से लेकर प्रमोशन होने के बाद बाबू के पद पर अंगद के पैर की तरह जमें हुए अधिकारी कर्मचारी ट्रांसफर प्रक्रिया को चुनौती देते हुए इन अधिकारियों कर्मचारियों ने रिटायरमेंट होने तक देवरी जनपद में ही अपनी सेवाये देने का सर्टिफिकेट होने जैसी चुनोती दे रहे है। शायद इसी कारण इनके कभी ट्रांसफर देवरी जनपद कार्यालय से बाहर कभी हुए ही नहीं है देवरी जनपद मैं पदस्थ कर्मचारियों की कार्यप्रणाली से विकासखंड की ग्राम पंचायत सरपंच सचिव कुछ खुश नजर आते हैं तो वही कुछ परेशान भी है परंतु इनके ट्रांसफर ना होने की वजह से उनके हौसले इतने बुलंद है की शिकायत करने वाले को जब काम पड़ता है उनके द्वारा परेशान किया जाता है इसीलिए सचिव सरपंच शिकायत करने से कतराते हैं क्योंकि उन्हीं ग्राम पंचायत मैं विकास कार्यों एवं निर्माण कार्यों से संबंधित कार्रवाई एवं फाईलो को लेकर इन्हीं बाबू और कर्मचारियों की शरण में जाना पड़ता है। और महोदय नाराज हो जाते हैं तो हफ्तों जनपद के चक्कर लगाने पड़ते हैं इसी के चलते शिकायत करने की जहमत ना उठाकर बाबू और कर्मचारियों के सुर में सुर मिला कर भ्रष्ट सिस्टम का हिस्सा बनने को मजबूर हैं ।
No comments:
Post a Comment
If you have any type of news you can contact us.