केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय देश का पैसा खाकर विदेशों में रहने वाले 6 भारतीयों सहित 28 भगौड़े आर्थिक अपराधियों को वापस लाने के प्रयास में जुटी है।इस सभी पर वित्तीय अनियमितताओं और आपराधिक अपराधों का आरोप लगाया गया है, और माना जाता है कि ये सभी 2015 से विदेश में रह रहे हैं।
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री, जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह ने 25 जुलाई, 2018 को लोकसभा में ऐसे व्यक्तियों की सूची प्रस्तुत की।प्रोफेसर के.वी. द्वारा प्रस्तुत एक प्रश्न का उत्तर देते हुए सिंह ने कहा कि "एलओसी (सर्कुलर देखें), आरसीएन (रेड कॉर्नर नोटिस) और प्रत्यर्पण अनुरोध जारी करने के माध्यम से देश में इन अपराधियों को लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जबकि सीबीआई इस तरह के 23 तथा ईडी 13 मामलों की जांच कर रही है। आठ व्यक्ति - विजय माल्या, मेहुल चोकसी, नीरव मोदी, जतिन मेहता, आशीष जॉबनपुत्र, चेतन जयंतीलाल संदेसरा, नितिन जयंतीलाल संदेसरा और दिप्तिबेन चेतनकुमार संदेसरा के नाम इन दोनों सूचियों में है।
23 मार्च, 2018 को राज्यसभा में इसी तरह के एक प्रश्न के लिए सिंह ने कहा कि 2014 के बाद से 23 भगोड़े अभी तक प्रत्यर्पित किए गए हैं। मार्च 2018 तक, भारत ने संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस सहित 48 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। ऐसे में जल्द ही भगोड़े अपराधियों को देश में वापस लाया जाएगा।
ये हैं भगोड़े आर्थिक अपराधी
पुष्पेश बेद, आशीष जॉबनपुत्र, विजय माल्या, सनी कालरा, संजय कालरा, सुधीर कुमार कालरा, आरती कालरा, वर्षा कालरा, जतिन मेहता, उमेश पारेख, कमलेश पारेख, नीलेश पारेख, एकलव्य गर्ग, विनय मित्तल, चेतन जयंतील संदेसरा, नितिन जयंतीलाल संदेसरा, दिप्तिबेन चेतनकुमार संदेसरा, निर्वाण मोदी, नीशल मोदी, मेहुल चोकसी, सब्या सेठ, राजीव गोयल, अल्का गोयल, ललित मोदी, रितेश जैन, हितेश नरेंद्रभाई पटेल, मयूरीबेन पटेल, प्रीति आशिष जॉबनपुत्र।
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