CAA पर कांग्रेस से लेकर सभी विपक्षी दाल ना खुश....टाइमिंग को लेकर उठा रहे सवाल
CAA नोटिफिकेशन पर AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा, "क्रोनोलॉजी समझिए, समय देखिए। तारीखों का ऐलान होने वाला है, 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और सरकार अचानक इसे अधिसूचित करने के बारे में सोचती है। 5 साल तक सरकार क्या कर रही थी? इसे पहले क्यों नहीं लाया गया? इसीलिए हम कहते हैं, सरकार चुनाव से पहले ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है। वे विकास के मोर्चे पर विफल रहे हैं... उनके पास सवालों के जवाब नहीं हैं... हमने पहले भी इस पर आपत्ति जताई थी और आज भी कहते हैं कि यह कानून असंवैधानिक है... हमें इस पर आपत्ति है।"
गुवाहाटी: CAA अधिसूचना पर असम कांग्रेस विधायक अब्दुर रशीद मंडल ने कहा, "इस अधिनियम का पहले ही सभी राजनीतिक दलों द्वारा विरोध किया जा चुका है - संसद के अंदर और उसके बाहर... यह पूरी तरह से भेदभावपूर्ण अधिनियम और असंवैधानिक है क्योंकि सरकार धर्म के आधार पर नागरिकता देने की कोशिश कर रही है जो भारतीय संविधान के प्रावधानों के तहत स्वीकार्य नहीं है... इसका पूरे देश के साथ-साथ असम में भी विरोध हुआ है...''
अधिसूचना पर कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, "इस नियम को लाने में उन्हें 4 साल और 3 महीने लग गए। विधेयक दिसंबर 2019 में पारित किया गया था। 3-6 महीने के अंदर कानून बन जाना चाहिए था। मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से नौ एक्सटेंशन मांगे और कल रात नियमों को अधिसूचित करने से पहले 4 साल और 3 महीने का समय लिया। ये सिर्फ ध्रुवीकरण के लिए हैं- बंगाल और असम में चुनावों को प्रभावित करने के लिए। अगर वे इसे ईमानदारी से कर रहे थे तो वे इसे 2020 में क्यों नहीं लाए? वे इसे अब चुनाव से एक महीने पहले ला रहे हैं। यह हेडलाइन मैनेजमेंट है... यह सामाजिक ध्रुवीकरण की रणनीति है..."
गुवाहाटी, असम: CAA अधिसूचना पर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक यूथ फ्रंट(AIUDYF) के अध्यक्ष जहरुल इस्लाम बादशाह मे कहा, "यह एक सांप्रदायिक अधिनियम है। हम शुरू से ही इसका विरोध करते आये हैं और आगे भी करते रहेंगे... हमारी पार्टी इसका विरोध करती है। इसके जरिए देशभर में सांप्रदायिक भावनाएं फैलाई जा रही हैं। यह असम की भाषा और संस्कृति को खत्म करने का प्रयास है... हम असाम के निवासी होने के नाते इसका विरोध करते हैं।"
No comments:
Post a Comment
If you have any type of news you can contact us.