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Monday, February 1, 2021

भारत में मोदी सरकार के अस्थिर होने का डर - चीन

भारत में केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के बहाने चीन ने जगर उगला है। उसने जाहिर कर दिया है कि किस तरह वह भारत में भी उसी तरह अस्थिरता और तख्तापलट देखने का सपना पालता है जैसा कि दुनिया के कुछ हिस्सों में पिछले 1-2 दशकों में हुआ है। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद अफवाहों को रोकने लिए एनसीआर के कुछ हिस्सों में लगाए गए अस्थायी इंटरनेट बैन को चीन ने असल में मोदी सरकार का डर बताया है। चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में छापे गए एक आर्टिकल में कहा गया है कि भारत को मोदी सरकार के अस्थिर होने का डर है।  

ग्लोबल टाइम्स में शिन्हुआ यूनिवर्सिटी में नेशनल स्ट्रैटिजी इंस्टीट्यूट के रिसर्च डिपार्टमेंट के डायरेक्टर कियान फेंग ने लिखा है कि भारत में किसानों का आंदोलन चल रहा है। इसके जवाब में भारत सरकार ने नई दिल्ली के आसपास कई इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिया है, जहां किसान नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल ही में हांगकांग में विरोध प्रदर्शनों को बलपूर्वक कुचलने वाले चीन ने भारत में चल रहे किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन की तुलना दुनिया के उन आंदोलनों से कर दी है जहां कुछ सालों में हिंसक और तख्तापलट करने वाले प्रदर्शन हए हैं।   

चीनी एक्सपर्ट ने आगे कहा है, ''नई दिल्ली अस्थिरता भरे दशक के सीखों से अवगत है। 2010 के ट्यूनिशिया के प्रदर्शनों, जिसने पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका में अशांति पैदा की, से लेकर बेलारूस, किर्गीस्तान, थाइलैंड से 2020 में अमेरिका तक, इन सभी में ऑनलाइन मीडिया, घरेलू अर्थव्यवस्था और सामाजिक शासन के मिश्रित कारक थे जो जो सामाजिक संकटों के कारण बम बन गए थे। अस्थिर करने वाले और पहलुओं के साथ अधिक संकटों की संभावना है और क्षति भी गंभीर होगी।''

लेख में कहा गया है कि भारतीय किसानों के प्रदर्शन को बढ़ते देख मोदी प्रशासन ने इंटरनेट को सस्पेंड करने, मीडिया कंट्रोल का रास्ता चुना है ताकि सामाजिक स्थिरता और शासन की नींव पर असर को रोका जा सके। अभिव्यक्ति की आजादी से लेकर मानवाधिकारों तक को कुचल चुके चीन ने कानून व्यवस्था को लेकर कभी-कभार लगाए जाने वाले इंटरनेट बैन को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हुए कहा कि भारत सरकार प्रदर्शनों को रोकने के लिए बार-बार इंटरनेट बैन का सहारा लेती है। दुनिया के दूसरे देशों की तरह भारत में भी अधिकतर प्रदर्शन सोशल मीडिया के जरिए मैनेज किए जाते हैं। लेकिन अक्सर इंटरने पर बैन लगाए जाने से पता चलता है कि मोदी सरकार के पास ऐसे संकटों से निपनटे कि लिए अधिक विकल्प नहीं हैं। यह केवल इंटरनेट बैन कर सकती है।  

ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने अपने बहुमत के दम पर संसद में इन कानूनो को जल्दबाजी में ध्वनिमत से पास किया और विपक्ष की अपीलों को दरकिनार कर दिया। इस वजह से विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार पर किसानों और लोकतंत्र के खिलाफ काम करने का आरोप लगा रही हैं। अखबार ने यह भी कहा है कि प्रदर्शनकारी आसानी से नहीं मानेंगे और यह संकट कम समय में खत्म नहीं होने जा रहा है।

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