जिलाधिकारी के अध्यक्षता में बनी इस समिति में मुख्य विकास अधिकारी व अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत को सदस्य के रूप में चुना गया है। वहीं जिला पंचायत राज अधिकारी को सदस्य सचिव बनाया गया है। आरक्षण को लेकर लोगों से चार से आठ मार्च तक का तिथि लोगों के आपत्तियों के लिए तय की गई है। उसके बाद गठित समिति 10 से 12 मार्च तक लोगों द्वारा दर्ज की जाने वाली आपत्तियों निस्तारण करेगी। गाजियाबाद जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने बताया कि समिति के सभी सदस्य 10 से 12 मार्च तक अन्य विभागीय कार्यों से मुक्त रहेंगे। इस दौरान उनकी अध्यक्षता में समिति के सदस्य केवल पंचायत चुनाव आरक्षण संबंधी आपत्तियों के निस्तारण का काम करेंगे।
महाराजगंज को बांटा 12 जोन में :
महराजगंज जिले को 12 जोन व 102 सेक्टर में बांटा गया है। डीएम व जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. उज्ज्वल कुमार ने सभी जोन व सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती कर दी है। वहीं 12 सहायक रिटर्निंग अधिकारियों की भी ड्यूटी लगा दी है। चुनाव आयोग से निर्वाचन की अधिसूचना जारी होते ही अधिकारी एक्शन में आ जाएंगे। जिले में 882 ग्राम पंचायतों में प्रधान पद के 882, ग्राम पंचायत सदस्य के 11280, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 1166 व जिला पंचायत के 47 पदों के लिए चुनाव होने हैं। मतदान कराने के लिए 3029 मतदान स्थल बनाए गए हैं। ग्राम पंचायत के सभी बूथों को 12 जोन व 102 सेक्टर में बांटकर डीएम ने वहां मजिस्ट्रेट लगा दिए हैं। जोनल मजिस्ट्रेट व सेक्टर मजिस्ट्रेट को निर्वाचन आयोग से पूरी शक्तियां दी गई हैं। मतदान को निष्पक्ष, निर्भीक व शांतिपूर्ण ढंग से कराने के लिए क्षेत्र में भ्रमण करते रहेंगे। इसमें विघ्न डालने वालों जो जेल भेजने का भी अधिकार दिया गया है।
एक ही दिन हो सकता है पूरे जिले में चुनाव
चुनाव कराने को लेकर निर्वाचन आयोग 24 फरवरी को जिलाधिकारी के साथ वीडियो कांफ्रेंस कर तैयारियों की समीक्षा करेंगे। इसमें एक ही दिन पूरे जिले में चारों पदों के लिए चुनाव कराने को लेकर अधिकारियों से विचार-विमर्श किया जा सकता है।
चुनौती भरा होगा एक दिन में पूरा चुनाव कराना :
यदि एक ही दिन में पूरे जिले में सभी पदों के लिए चुनाव हुआ तो यह प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी। इसमें करीब 20 हजार कार्मिकों की जरूरत पड़ेगी। जिले में करीब 14 हजार की कार्मिक हैं। करीब छह हजार कार्मिकों को बाहर से बुलाना पड़ सकता है। उनको बुलावा, ठहराना, भोजन, नाश्ता आदि की भी व्यवस्था प्रशासन को करनी पड़ सकती है। वहीं अधिकारियों की संख्या भी पर्याप्त नहीं होने से एक ही दिन 3029 बूथों पर शांतिपूर्ण मतदान कराना कठिनाई भरा हो सकता है। इसके पहले जिले में ब्लाकवार चार चरणों में चुनाव होते थे।
No comments:
Post a Comment
If you have any type of news you can contact us.