डॉ.अजय कुमार, सिद्धार्थनगर
भारतीय रियासतों के एकीकरण एवं आधुनिक भारत के शिल्पकार सरदार वल्लभ भाई पटेल को उनकी जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि। सरदार पटेल का जन्म 31अक्टूबर 1875 को बाम्बे प्रेसीडेंसी के नादियाड में एक किसान परिवार में हुआ था। इनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण , इन्होंने 22 वर्ष की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा पास की, उसके बाद कलेक्टर की परीक्षा की तैयारी, किताब लेकर घर पर की। बाद में वकालत की पढ़ाई पुरी करने के बाद, अहमदाबाद के जिला न्यायालय में वकालत के पेशे को अपनाया।
1917 में गांधी जी के प्रथम सत्याग्रह चम्पारन आन्दोलन के दौरान इनकी मुलाकात गांधी जी से हुई, गांधी जी से सरदार वल्लभ पटेल ज्यादा प्रभावित हुए, स्वतन्त्रता आन्दोलन में कूद पड़े।1918मे खेड़ा के सत्याग्रह में गांधी जी के साथ हिस्सा लिया, यह पटेल का पहला आन्दोलन था। खेड़ा में किसानों के कर में छूट के लिए आन्दोलन था। खेड़ा के किसान , पहले से ही अकाल एवं आपदा से प्रभावित हुए थे, ऐसे में वह कर में वृद्धि के खिलाफ थे। इसी मुद्दे को लेकर खेड़ा सत्याग्रह हुआ था।
1920के असहयोग आंदोलन में पटेल की बड़ी भूमिका थी। 1928 में सरदार वल्लभ पटेल ने सौराष्ट्र के बारदोली विशाल किसान आंदोलन का नेतृत्व किया, यह पर वल्लभ भाई पटेल को सरदार की उपाधि दी गई।
1929 में लाहौर में कांग्रेस के अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू कांग्रेस के अध्यक्ष एवं सरदार पटेल महामंत्री बने। इसी अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव पारित किया गया।1931मे सरदार वल्लभ पटेल कराची के कांग्रेस अधिवेशन में अध्यक्षता की, मौलिक अधिकार के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
1942के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान इनकी बड़ी भूमिका रही। आजाद भारत के अंतरिम सरकार में सरदार वल्लभ भाई पटेल गृहमंत्री एवं उपप्रधानमंत्री बने। सरदार पटेल को देशी रियासतों के एकीकरण एवं आधुनिक भारत के शिल्पकार के रुप में जाना जाता है। देश की सभी 565 रियासतों में से 562 रियासतों का विलय बातचीत के माध्यम से किया, इनकी साथ वी.पी. मेनन का बहुत योगदान रहा।मात्र तीन रियासतें,कश्मीर, जूनागढ़, एवं हैदराबाद रही,जिनका विलय बाद में हुआ। हैदराबाद देश की बड़ी रियासत थी,आज वर्तमान में इसके अन्तर्गत आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक के कुछ क्षेत्र आते हैं
यह हिन्दू बहुल रियासत थी,पर शासन निजाम का था। उसकी अलग रेल, बैंक एवं अर्थव्यवस्था थी।वह भारत में विलय के खिलाफ था। वह पाकिस्तान के साथ या स्वतंत्र रहना चाहता था। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सेना के माध्यम से आपरेशन पोलो के माध्यम से इसे भारत में विलय किया था।
जूनागढ़ का विलय जनमत संग्रह के माध्यम से किया गया था।
जबकि भारत में कश्मीर का विलय बातचीत, कूटनीति, अन्तर्राष्ट्रीय परिस्थितियों, नेहरू, माउंटबेटन के प्रयासों के फलस्वरूप हुआ।
सरदार पटेल को भारत में सिविल सेवा के भारतीयकरण के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने ही आई.सी.एस का नाम बदलकर आई.ए.एस कर दिया।
पटेल को पंचायतराज संस्थाओं के निर्माण के लिए जाना जाता है। उनकी मृत्यु 15 दिसंबर 1950 को बम्बई में हुई। निस्संदेह वह भारत के शिल्पकार थे। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि आज जो भारत है, वह सरदार पटेल की वजह से है। प्रति वर्ष पटेल का जन्म दिन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। लौह पुरुष सरदार वल्लभ पटेल को हार्दिक नमन।
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