भारत और फ्रांस ने रक्षा सहयोग को और तेजी देने का फैसला किया है। इसके लिए फ्रांस ने 'मेक इन इंडिया' के तहत राफेल लड़ाकू विमानों और पैंथर हेलिकॉप्टर्स का निर्माण भारत में करने का ऑफर दिया है। फ्रांस राफेल की 70 फीसदी और पैंथर हेलिकॉप्टर्स की 100 फीसदी असेंबली भारत में करने को राजी है। साथ ही टेक्नॉलजी ट्रांसफर को भी तैयार है। इस मामले से अवगत लोगों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
34वें भारत-फ्रांस स्ट्रैटिजिक डायलॉग के लिए इस सप्ताह भारत आए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के कूटनीतिक सलाहकार इमैनुएल बोन ने भारतीय नेताओं के साथ मुलाकात के दौरान ये ऑफर पेश किए। अधिकारियों ने बताया कि इस बात की संभावना है कि भारत में 70 फीसदी असेंबली के ऑफर के बाद भारत फ्रांस से और राफेल विमान खरीद सकता है, क्योंकि इससे इसकी कीमत में काफी कमी आएगी। भारत पहले ही फ्रांस को 36 राफेल विमानों का ऑर्डर दे चुका है, जिसमें से कुछ भारत आ भी चुके हैं।
पैंथर हेलिकॉप्टर्स को भारत में बनाने का ऑफर भी भारत सरकार को काफी पसंद आएगा, जोकि भारतीय नेवी के लिए मीडियम हेलिकॉप्टर्स खरीदने का प्लान बना रही है। एयरबस का AS565 MBe एक ऑल-वेदर, मल्टी-रोल मीडियम हेलीकॉप्टर है, जो शिप डेक, ऑफशोर लोकेशन और लैंड-बेस्ड साइट्स से ऑपरेशन के लिए बनाया गया है।
साउथ ब्लॉक के सूत्रों के मुताबिक, भारत-फ्रांस के बीच रणनीतिक बातचीत से 9,900 मेगावाट जैतापुर न्यूक्लियर पावर प्लांट को लेकर बात आगे बढ़ी है। रणनीतिक बातचीत की अगुआई देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल और फ्रांस के राष्ट्रपति के कूटनीतिक सलाहकार इमैनुएल बोन ने की। बोन ने पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी।
वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, भारत ने 6 एयरबस 330 मल्टी रोल ट्रांसपोर्ट टैंकर्स फ्रांस से लीज पर लेने का फैसला किया है। लेकिन उसने यह साफ कर दिया है भारतीय सेना के साथ साझा डिफेंस टेक्नॉलजी को दुश्मन देशों को ना दिया जाए। इस पर फ्रांस ने भारत को बताया कि डिफेंस सेक्टर में उनका रिश्ता पाकिस्तान के साथ बेहद निचले स्तर पर चला गया है, क्योंकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक आतंकवादी घटना को लेकर राष्ट्रपति मैक्रों पर निशाना साधा।
यह माना जाता है कि फ्रांस ना तो पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति करेगा और ना ही अपग्रेड करेगा। इसमें मिराज III/V फाइटर जेट्स और अगुस्ता पनडुब्बी शामिल हैं। यह नियम तुर्की के साथ भी लागू होगा, जिसके नेता रेचप तैयप एर्दोगन ने मैक्रों के खिलाफ जहर उगला था। भारत और फ्रांस ने हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर में चीन की भूमिका पर भी चर्चा की।
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